स्ट्रॉबेरी फ़्रागार्या जाति का एक पेड़ होता है, जिसके फल के लिये इसकी विश्वव्यापी खेती की जाती है। इसके फल को भी इसी नाम से जाना जाता है। स्ट्रॉबेरी की विशेष गन्ध इसकी पहचान बन गयी है। ये चटक लाल रंग की होती है। इसे ताजा भी, फल के रूप में खाया जाता है, साथ ही इसे संरक्षित कर जैम, रस, पाइ, आइसक्रीम, मिल्क-शेक आदि के रूप में भी इसका सेवन किया जाता है।बगीचा स्ट्रॉबेरी, फ़्रागार्या × आनानास्सा, एक संकर प्रजाति है जिसकी अपने फल (सामान्य स्ट्रॉबेरी) के लिए दुनिया भर में खेती की जाती है।
फल व्यापक रूप से अपनी विशिष्ट सुगंध, चमकीले लाल रंग, रसदार बनावट और मिठास के लिए मशहूर है।
स्ट्रॉबेरी के पौधे
स्ट्रॉबेरी फल में बीज बाहर की तरफ होते है। यह फल लाल रंग का होता है जो दिखने में बेहद खूबसूरत होता है। यह एक रसदार फल है जो खट्टा मीठा होता है। दुनियाभर में स्ट्रॉबेरी फल की 600 से ज्यादा प्रजातिया मिलती है। स्ट्रॉबेरी फल बेहद गर्म स्थानों को छोड़कर लगभग हर जगह मिलता है। भारत देश में भी इस फल की खेती की जाती है।पौधे को पर्याप्त रोशनी की आवश्यकता होती है। बलुई और चिकनी मिट्टी इस पौधे के लिए जरूरी है। इस पौधे की बुआई का वक्त अगस्त सितंबर सबसे बढ़िया होता है। इस पौधे के लिए आवश्यक पानी मे नमक की मात्रा कम होनी चाहिए। जल खारा नही होना चाहिए।
उन्नत किस्में
उन्नत किस्मों में मुख्य ट्योगा, टोरे, एन आर राउंड हैड, रैड कोट, कंटराई स्वीट आदि है, जो सामान्यतया छोटे आकार के फल देती है। इनमें अच्छा आकार टोरे तथा एन आर राउंड हैड का ही है जिसके फल का वजन 4-5 ग्राम होता है। आजकल बड़े आकार वाली जातियाँ देश में आयात की जा रही है जिनमें चाँडलर कनफ्यूचरा, डागलस, गारौला, पजारों, फर्न, ऐडी, सैलवा, ब्राईटन, बेलरूबी, दाना तथा ईटना आदि प्रमुख है।स्ट्राबेरी की उपज इसकी जाति और जलवायु पर निर्भर करती है। सामान्यतया इसकी उपज 200-500 ग्राम प्रति पौधा मिल जाती है। यद्यपि विदेशों में अधिकतम 900-1000 ग्राम प्रति पौधा ली जा चुकी है।
स्ट्रॉबेरी के फायदे
स्ट्रॉबेरी में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही यह हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) से पीड़ित लोगों के शरीर में रक्त संचरण में भी मदद करती है। त्वचा को खूबसूरत और स्वस्थ बनाना हो तो आप स्ट्रॉबेरी का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, इसमें मौजूद एसिड त्वचा के काले धब्बों को हटाकर चेहरे को साफ और बेदाग बनाने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। स्ट्रॉबेरी में विटामिन-के, कैल्शियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। चूंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ कुछ लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, ऐसे में स्ट्रॉबेरी का सेवन उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।
लाल रंग का दिखने वाले यह फल बहुत ही रसीला और स्वाद में लाजवाब होता है। पहले यह फल भारत में बहुत मुश्किल से ही मिलता था, लेकिन आज के समय में इसकी खेती देश के कोने-कोने में होने लगी है, जिसकी वजह से अब यह आसानी से मिल जाता है। स्ट्रॉबेरी खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है, उतनी ही यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी होती है। इसमें विटामिन से लेकर फोलिक एसिड, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे कई खनिज पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।